Hindutva की छड़ी से हांका जा रहा बहुजन, कट्टरता के समक्ष झुका सामाजिक न्याय | Loksabha Elections
सदियों से ही बहुजनो यानी ओबीसी एससी एसटी का शोषण आर्थिक और सामाजिक स्तर पर जारी रहा, परन्तु आजादी के बाद से संविधान ने ओबीसी एससी एसटी व हर वर्ग की महिलाओ को हर स्तर पर आज़ादी और प्रतिभा दिखाने के लिए मौका दिया, जिसके फलस्वरूप पिछड़ों दलितों को नौकरियों से लेकर संसद में भागीदारी दी, जिससे सामाजिक न्याय को मजबूती मिली .पर विगत कुछ वर्षों से हिन्दुत्व की विचाराधारा का सामना सामाजिक न्याय को मानने वाली राजनीतिक दल करने में असफल रहे और कई चुनावो में हार का मुंह देखना पड़ा